Sahil writer

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पहला प्यार



तेरी इन झुकी झुकी पलको में 
अपना प्यार देखता हूँ मै l

तेरे बहकते हुए जज्बातों में 
अपना नाम देखता हूँ मै l

गुलाब की तरह खिले हुए चहरे
मैं तो बस फ़ना देखता हूँ मै l

तेरी चाहतो को करू में पूरा 
उसमे अपनी एक ज़िद देखता हूँ मै l

तेरी सासो मे अपना बेहकता हुआ
हर एहसास देखता हूँ मै l

तेरी आँखो मे एक भी अश्क़ ना आने दूँगा
खुद की चाहतों मे तेरा एक mukam

                                           Sahil writer ,.....

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2 Comments

बेहद ही खूबसूरत रचना 👌👌

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Ravi Goyal

17-Jun-2021 10:26 AM

Bahut khoob 👌👌

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