पहला प्यार
तेरी इन झुकी झुकी पलको में
अपना प्यार देखता हूँ मै l
तेरे बहकते हुए जज्बातों में
अपना नाम देखता हूँ मै l
गुलाब की तरह खिले हुए चहरे
मैं तो बस फ़ना देखता हूँ मै l
तेरी चाहतो को करू में पूरा
उसमे अपनी एक ज़िद देखता हूँ मै l
तेरी सासो मे अपना बेहकता हुआ
हर एहसास देखता हूँ मै l
तेरी आँखो मे एक भी अश्क़ ना आने दूँगा
खुद की चाहतों मे तेरा एक mukam
Sahil writer ,.....
ऋषभ दिव्येन्द्र
17-Jun-2021 07:23 PM
बेहद ही खूबसूरत रचना 👌👌
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Ravi Goyal
17-Jun-2021 10:26 AM
Bahut khoob 👌👌
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